
Manzil Zindgi aur Raste Hindi Poem : Poem Written by Uday Singh Life Management Coach @khushi Learning Institute Jaipur. Hindi Motivational Poem
नादाँ है वो जो मंजिलों पर नजर टिकाये हुए है |
उन्हें क्या मालूम रास्तों ने क्या गुल खिलाये हुए है ||
ज़िंदगी नाम है ज़िंदादिली से जीने का
फिर भी लोग बहुत कुछ पाने की रट लगाये हुए है ||
कभी ख़ुशी कभी गम ज़िंदगी के साये है
फिर भी हमेशा खुश रहने की ज़िद लगाये हुए है ||
यहां दिल सिर्फ भावनाओ से जीते जा सकते है
फिर भी लोग तोहफों की प्रथा चलाये हुए है ||
मानो तो सभी अपने है वरना सभी पराये है
फिर भी न जाने क्यों लोग अपने पराये का भेद बनाए हुए है ||
कहते है सब मालूम है की ज़िंदगी को कैसे जिया जाए
फिर भी दिखावे के भ्रम में भरमाये हुए है ||
एक ख़ुशी की चाहत में इतने पगलाए हुए है
की झूठ बोलते खुद को झुठलाए हुए है ||
भरे बाजार में बोलना आता है यहां लोगो को
पर खुद से नजरें मिलाने पर घबरेए हुए है ||
यह सब देख समझ में नहीं आता कि ज़िंदगी क्या है
इसे ज़ीने के लिए यह आये है या दिखने के लिए आये हुए है ||
नादाँ है वो जो मंजिलों पर नजर टिकाये हुए है |
उन्हें क्या मालूम रास्तों ने क्या गुल खिलाये हुए है ||
- कृपया अपने Comments से बताएं आपको यह Post कैसी लगी.
- यदि आपके पास Hindi में कोई Inspirational Story, Important Article या अन्य जानकारी हो तो आप हमारे साथ शेयर कर सकते हैं. कृपया अपनी फोटो के साथ हमारी e mail ID : info@dbinfoweb.com पर भेजें. आपका Article चयनित होने पर आपकी फोटो के साथ यहाँ प्रकाशित किया जायेगा.
Nice Poem Uday.
Keep it Up
Nice poem uday.i like it.plz keep it continue.
True lines about life..thank u uday.
Hello Uday
We are glad to have writter like you.Every word of your poem is describing the meaning of life and destination.Thank you so much to be the Part of DB.
Keep continue….
Uday,
Your poem is really true and touchy.
Your thoughts are nice and fantastic.
Keep it up.
Thankyou